चुनाव आयोग ने राम रहीम को हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में प्रवेश करने से रोक दिया है। यह संभावना जताई जा रही है कि वह इस समय बागपत के अपने बरनावा आश्रम में निवास करेगा। इससे पहले भी, परोल-फरलो मिलने के बाद वह इस स्थान पर ठहर चुका है। हालांकि, हरियाणा के निकट होने के कारण वह इस अवधि में राजनीतिक दृष्टि से प्रभावशाली बना रह सकता है।
दुष्कर्म और हत्या के मामलों में सजायाफ्ता गुरमीत राम रहीम की परोल याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। यह याचिका राम रहीम ने हरियाणा सरकार के समक्ष प्रस्तुत की थी, लेकिन चुनावी समय के कारण इसका अंतिम निर्णय चुनाव आयोग द्वारा लिया जाना आवश्यक था। अब चुनाव आयोग द्वारा इसे मंजूरी दिए जाने के बाद राम रहीम के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। अनुमान है कि 20 दिन की परोल के बाद राम रहीम दो अक्टूबर को जेल से रिहा हो सकता है। पांच अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। परोल के दौरान उसके चुनाव पर प्रभाव डालने की संभावनाओं पर विभिन्न चर्चाएँ प्रारंभ हो चुकी हैं।
कांग्रेस ने राम रहीम की परोल याचिका का विरोध किया था और इसे विधानसभा चुनावों पर प्रभाव डालने वाली कार्रवाई के रूप में देखा था। कांग्रेस की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने राम रहीम को परोल देते समय उसे किसी भी प्रकार के बयान जारी करने, चुनावी सभाओं में भाग लेने, या सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
चुनाव आयोग ने राम रहीम के हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। यह संभावना जताई जा रही है कि वह इस समय बागपत के अपने बरनावा आश्रम में रह सकता है। इससे पहले भी, परोल-फरलो मिलने के बाद वह इसी स्थान पर ठहरा था। हालाँकि, हरियाणा के निकट होने के कारण वह इस दौरान भी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली रह सकता है। दर्शन के लिए कोई रोक नहीं है। रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा राम रहीम आज भी अपने भक्तों के लिए एक आदर्श बना हुआ है।