नईदिल्ली. सुप्रीमकोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले और मनी लांड्रिंग केस में बीआरएस नेता के. कविता को जमानत देते हुए ई डी और सीबीआई पर गंभीर टिप्पणी करते हुए उन्हें निष्पक्ष रहने को कहा। किसी को भी आरोपी बना देगें और सरकारी गवाह बना कर छोड़ देगें? गौर तलब है कि उपरोक्त मामले में दिल्ली मनीष सिसोदिया को कोर्ट द्वारा जमानत दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट द्वारा जमानत नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई गई। पीएमएलए एक्ट धारा 45 उच्च वर्ग की महिला पर लागू नहीं होती, अदालतों को न्यायिक विवेक का प्रयोग करना चाहिए। कानून और कोर्ट की नजर में अमीर गरीब समान है।यही संविधान की मूल भावना है। अदालत यह नहीं कह सकती कि महिला ज्यादा पढ़ी लिखी हैं, संपन्न है, सांसद/विधायक या व्यवसाई हैं तो पीएमएलए प्रावधान का लाभ नहीं मिल सकता। हाई कोर्ट ने गलत किया। महिलाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। ई डी ने के कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया था