प्रधानमंत्री मोदी ने इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बातचीत की और कहा कि भारत शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि क्षेत्र में शांति स्थापित की जा सके। मोदी ने यह भी बताया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है और सभी देशों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना चाहिए।
हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी ने किसी विशेष घटना का जिक्र नहीं किया, लेकिन पिछले हफ्ते लेबनान में इस्राइली हमलों में हिजबुल्ला के सात उच्च पदस्थ कमांडर और अधिकारी मारे गए, जिनमें संगठन के नेता हसन नसरल्ला भी शामिल थे। 7 अक्टूबर को गाजा से इस्राइल में हमास के हमले के बाद से हिजबुल्ला उत्तरी इस्राइल में रॉकेट और मिसाइलें दाग रहा था। इस्राइल एक साथ कई मोर्चों पर लड़ाई कर रहा है। यह ध्यान देने योग्य है कि पश्चिम एशिया के कई देश आमने-सामने हैं। इसकी शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में इस्राइल-हमास युद्ध से हुई थी। पहले हमास के प्रमुख और अब हिजबुल्ला के नेता की मौत के बाद पश्चिम एशिया के देशों के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है। एक तरफ, ईरान समेत कई देश इस्राइल द्वारा लेबनान में की गई कार्रवाई से नाराज हैं, वहीं कुछ देश इसका समर्थन भी कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक नेताओं ने जताई चिंता इस बीच, अमेरिका ने भी अपने मित्र देशों की सेनाओं के साथ मिलकर सीरिया और यमन में सशस्त्र समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया है। यह संघर्ष ऐसे समय हो रहा है जब विश्वभर के नेता न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें यह चिंता है कि यह संघर्ष और बढ़ सकता है और इसमें कई देश भी शामिल हो सकते हैं।